Monday, August 25, 2014

देवघर में राष्ट्रीय शिखर सम्मान समारोह सम्पन्न :


झारखण्ड कि सांस्कृतिक राजधानी देवघर में विवेकानंद शैक्षणिक सांस्कृतिक क्रीड़ा संस्थान (भारत) एवं योगमाया मनवोत्थान ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय शिखर सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ| कार्यक्रम का उद्घाटन देवघर के उपायुक्त अमित कुमार एवं पूर्व पुलिस महानिरीक्षक कपिलदेव सिंह ने मंगलदीप प्रज्ज्वलित कर किया| 


इस समारोह में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, हिमाचलप्रदेश आदि राज्यों से आये हुए विभिन्न क्षेत्र में चयनित प्रतिभावान व्यक्ति को अपनी विधा में विशेष योगदान के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न एवं अंग वस्त्र देकर देश के 135 व्यक्तियों को विभिन्न नामित पुरस्कारों से अलंकृत व विभूषित किया गया| ज्ञात हो इस अवसर पर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पत्र के माध्यम से शुभकामनाएं दी, जो प्रशस्ति पत्र के साथ संलग्न था|

मौके पर सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के डॉ. के.डी.यादव (का. हिंदी अधिकारी) को ‘गुरुदेव बोस’-राष्ट्रीय शिखर सम्मान पुरस्कार, एस.वी.एन.आई.टी. सूरत के संगणक अभियांत्रिकी विभाग से उत्तीर्ण, चार वर्षों तक संस्थान की एक मात्र राष्ट्रीय हिंदी वार्षिक पत्रिका “सम्मुख” के संपादक के रूप में सेवारत्त चन्द्रशेखर प्रसाद को ‘काव्य श्री‘-राष्ट्रीय शिखर सम्मान पुरस्कार, साथ ही यांत्रिकी अभियांत्रिकी विभाग से उतीर्ण यशराज चौधरी को संपादन क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु विशेष सम्मान से अलंकृत व विभूषित किया गया| 


कार्यक्रम कि अध्यक्षता डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने किया| इस अवसर पर विभिन्न राज्यों से पधारे साहित्यकारों ने अपनी-अपनी काव्य रचनाओं से उपस्थित श्रोतागणों को मंत्रमुग्ध कर दिया|  


सम्मुख - 2014 

चन्द्रशेखर प्रसाद "साहित्यम श्री सम्मान पुरस्कार" से सम्मानित :


डॉ. शान्तावीर महास्वामी जी के नेतृत्व में सर्व-भाषा महासम्मेलन सह कवि सम्मेलन, बंगलोरु एवं भारतीय भाषा साहित्य समागम का दो दिवसीय विशेष अधिवेशन का आयोजन किया गया था| इस अवसर पर पर देश के कोने-कोने से भाषा प्रेमी आमंत्रित विद्वान अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे थे| मौके पर  आमंत्रित युवा कवि चन्द्रशेखर प्रसाद सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय भाषाओँ पर चर्चा-परिचर्चा किये साथ ही हिंदी की वकालत करते हुए हिंदी के गुण महत्ता सरलता व समृद्धि को आलोकित किया| 


कार्यक्रम के अगले दिन सर्व-भाषा महासम्मेलन सह कवि सम्मेलन, में  कवि चन्द्रशेखर प्रसाद ने अपनी स्वरचित रचनाएँ सुनाकर श्रोतागण को भाव विभोर कर दिया | देश के कोने-कोने से पधारे साहित्यकारों ने अपने विचारों व रचनाओं से लोगों के अंदर निज भाषा-राष्ट्र भाषा के प्रति सम्मान व सिखाने एवं प्रयोग करने हेतु उत्सुकता के अलख जगा दिए| 


कार्यक्रम के अनतिम सत्र में आमंत्रित कवियों साहित्यकारों व विद्वानों को उनके विशेष योगदान हेतु डॉ, कोलाडा, मठाधिपति डॉ. शान्तावीर महास्वामी जी के कर कमलों द्वारा सभी को विभिन्न पुरस्कारों की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया |


डॉ. शान्तावीर महास्वामी ने युवा कवि चन्द्रशेखर प्रसाद को “साहित्यं श्री” सम्मान पुरस्कार की मानद उपाधि  के साथ-साथ भेंट चिह्न अंग वस्त्र देकर अलंकृत व विभूषित किया|