"जीवनधारा" ब्लॉग जीवन के विभिन्न वास्तविक पहलुओं को शालीन अंदाज में आलोकित करती है| व्यक्ति की भावात्मक अभिव्यक्ति को कलात्मक ढंग से व्यक्त करती है मेरी स्वरचित कविताएँ | कविताओं के साथ-साथ आलेख, समीक्षा एवं राजभाषा से सम्बंधित समाचार का भी विवरण होता है | - चंद्रशेखर प्रसाद
Saturday, March 1, 2014
Monday, February 24, 2014
“राजभाषा नियम एवं सॉफ्टवेर प्रशिक्षण” 24 से 27 फरबरी, 2014 उद्घाटन समारोह संपन्न :
हिन्दी हमारी राजभाषा है एवं इसका ज्ञान हम सभी को होना
चाहिए इसी उदेश्य को ध्यान में रखते हुये
सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौघोगिकी संस्थान, सूरत के द्वारा पांच दिवसीय
राष्ट्रीय कार्यशाला “राजभाषा नियम एवं सॉफ्टवेर प्रशिक्षण” का आयोजन 24 से 27 फरबरी, 2014 को किया गया | इस राष्ट्रीय कार्यशाला में
संस्थान के सदस्यों के अतिरिक्त विभिन्न प्रदेशों के 54
प्रतिभागियों ने भाग लिया |
कार्यशाला के उद्घाटन धूमधाम से संपन्न हुआ | समारोह मे
मुख्य अतिथि पद पर प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रवक्ता, डॉ. सुभाष चन्द्र (सेवानिबृत
निदेशक, एन.आई.टी.सी दिल्ली) इनके अलावा संस्थान के का. निदेशक डॉ. एस. ए.
वासनवाला, का. कुलसचिव डॉ. डी. वी. भट्ट, का. हिन्दी अधिकारी डॉ. के डी यादव मंचासीन थे |
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन
किया गया तद्पश्चात डॉ. के डी यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की | मुख्य
अतिथि ने हिन्दी की उपयोगिता के संदर्भ मे
कई तथ्यों व राजभाषा नियमों को प्रस्तुत
किया और काम-काज के
दौरान अनुवाद,टिप्पणियों के महत्वों एवम जरूरतों को भी समझाया | का. निदेशक व
का.कुलसचिव ने आयोजित कार्यशाला प्रशिक्षण की आवश्यकता को, पत्राचार के दौरान
संस्थान मे घटित घटनाओं को उदहारण स्वरुप पेश कर समझाया और भविष्य में ऐसे और भी
कार्यशाला आयोजित किये जायेंगे ऐसी घोषणा की | अंत में सभी अतिथियों को भेंट देकर
धन्यवाद ज्ञापन के साथ उदघाटन समारोह
संपन्न हुआ | मंच संचालक की भूमिका स्वेता शाह एवं चंद्रशेखर प्रसाद निभा रहे थे |
कार्यशाला में भारत
सरकार के राजभाषा से जुड़े बिभिन्न राजभाषा नीति नियमों, व्याकरणिक भूलें एवं समाधान देवनागरी लिपि एवं मानक वर्तनी एवं कार्यशालयों का महत्व के बारों में,अर्धसरकारी पत्र एवं सरकारी पत्रों
का अनुवाद किस तरह से किया जाना चाहिए एवं किस तरीके से किया जाना चाहिए किन किन बातों का ख्याल रखना चाहिए आदि के बारे में , डॉ. सुभाष चन्द्र एवं
श्रीमती मीना गुप्ता(उपनिदेशक,राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय केन्द्रीय अनुवाद
ब्यूरो) द्वारा बताया जायेगा|
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