Monday, January 27, 2014

पत्रिकाएं पढ़ें :


सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत से प्रकाशित पत्रिकाएं |
संपादक : चन्द्रशेखर प्रसाद 

http://issuu.com/shekhar.svnit/docs/svnit__sammukh__annual_magazine_201


Sunday, January 26, 2014

विश्व हिंदी दिवस समारोह, 2014 सम्पन्न :

                   सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के द्वारा वर्ष 2014  में विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया | इस अवसर पर संस्थान के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये | 8 जनवरी को स्कूली बच्चों के लिए सुई धागा,नींबू दौड़, गणित दौड़, रस्सी कूद एवं श्रुतलेख  प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | 9 जनवरी को संस्थान के विद्यार्थियों के लिए सुई धागा, श्रुतलेख, मैराथन (विश्व एकता दौड़) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | साथ ही 10 जनवरी को संस्थान में सुबह सुबह घुमाने आने वाले सूरत निवासियों के बीच राजभाषा प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु उनके लिए तेज टहलो प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था| समाजसेवा निमित राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा 10 जनवरी को सुबह रक्त दान शिविर का भी आयोजन किया गया था | इस अवसर पर सूरत निवासी, स्कूली विद्यार्थी व संस्थान परिवार के सभी सदस्यों (छात्र,  शिक्षक, कर्मचारी) के द्वारा बढ-चढ उत्साह देखा गया एवं कुल 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया | सभी ने  अपनी प्रतिभा को उजागर करने की कोशिश की | विजयी प्रतिभागी को चुनने में निर्णायक मंडल को काफी मंथन करना पड़ा और प्रत्येक प्रतियोगिताओ के लिए प्रथम, द्वितीय, तृतीय, एवं दो सांत्वना पुरस्कार  निर्धारित किये गए |


                                 10 जनवरी 2013 को सुवह संदेश लेखन का कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्व हिन्दी दिवस के बारे में जानकारी देना एवं हिन्दी के प्रति जागरुकता लाना | हमारे संस्थान में सुवह टहलने एवं पर्यावरण का  आनन्द लेने के लिये के लिये शहर के कोने कोने से लोग आते हें | संदेश लेखन कार्यक्रम में लोगों से यह कहा गया कि हिन्दी को विश्व पटल पर देखने के लिये आप अपना संदेश लिखें इस कार्यक्रम में सभी लोंगों ने उत्साहित होकर हिस्सा लिया एवं अच्छे अच्छे संदेश लिखे | इस अवसर पर जलपान की व्यवस्था की गयी एवं सभी लोगों को राजभाषा प्रकोष्ठ के द्वारा डिजाइन कि गये नये वर्ष के कैलन्डर भी वितरित किये गये |


                                     10 जनवरी 2013 को सांयकाल विश्व हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे | समारोह मे मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य आयुक्त भविष्य निधि,मंच पर विराजमान थे | इनके अलावा सूरत व संस्थान के निदेशक डॉ. पी. डी. पोरे, कुलसचिव एच.ए.परमार,  एवं का. हिंदी अधिकारी डॉ. के.डी.यादव मंचासीन थे |कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ के साथ स्वागत किया गया तथा कार्यक्रम के शुरुआत सरस्वती वंदना एवं  दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गयी सर्वप्रथम डॉ. के डी यादव ने विश्व हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है एवं इसका क्या उद्देश्य है इसके बारे में बताया | तद्पश्चात आयोजित कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी इस मौके पर मुख्य अतिथि  ने हिन्दी  की  उपयोगिता के संदर्भ मे कई तथ्यों को प्रस्तुत किया और काम- काज के दौरान हिंदी के महत्वों एवं जरूरतों को भी समझाया | साथ ही कहा  कि  आज की परिस्थितियों में विज्ञान व् हिंदी का विकास दोनों ही महत्वपूर्ण है जो ऐसे कार्यक्रम के द्वारा ही संभव हैउनका मानना है कि हिंदी ही व्यक्ति कि भावनात्मक अभिव्यक्ति को व्यक्त करने में सक्षम हैमौके पर उन्होंने संस्थान के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रसंशा की| उन्होंने बताया की सूरत शहर का विश्व हिन्दी दिवस का यह पहला कार्यक्रम है जो  सूरत शहर के अन्य कार्यालयों के लिए प्रेरणा श्रोत है| उन्होंने यह भी कहा की वह सूरत शहर के अन्य कार्यालयों को भी विश्व हिंदी दिवस मनाने के लिए प्रेरित करेंगे| निदेशक व कुलसचिव ने आयोजित कार्यक्रम की आवश्यकता को बताया और भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ऐसी घोषणा की|


                       विश्व हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर संस्थान की पत्रिका “ध्वनि” प्रथम संस्करण  का विमोचन किया गया| इसमे राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रम प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं व अन्य सभी गतिविधियों के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी है |इसके आलावा संस्थान से जुड़े अन्य आवश्यक जानकारीयों  के साथ साथ यह साहित्य व मनोरंजन का एक अच्छा मध्यम है| इसके संपादक चन्द्रशेखर प्रसाद एवं यश राज चौधरी हैं| जिन्होंने अपनी सोंच को “ध्वनि” के मध्यम से नया आयाम दिया| साथ ही देश के सुप्रसिद्ध कवियों के स्वरचित कविताओं के संग्रह “काव्य कुम्भ” एलबम (सी.डी.) जिसमे संस्थान के छात्र चन्द्रशेखर प्रसाद(सदस्य राजभाषा प्रकोष्ठ)की भी स्वरचित कवितायें है| अतिथियों के कर-कमलों से “काव्य कुम्भ” एलबम (सी.डी.)का भी लोकार्पण किया गया| समारोह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं को मंचासीन अतिथियों  के कर कमलों द्वारा पुरस्कृत किया गया, जिसमे राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा कुल 87 हजार रुपये कि नकद राशि का वितरण किया गया| साथ ही राजभाषा प्रकोष्ठ के द्वारा डिजाइन किय गये नये वर्ष के कलेन्डर, प्लानर का भी विमोचन किया गया| अंत में सभी अतिथियों को भेंट देकर धन्यवाद ज्ञापन के साथ विश्व हिंदी दिवस समारोह संपन्न हुआ| मंच संचालन की भूमिका
चन्द्रशेखर प्रसाद निभा रहे थे |

“हिंदी सॉफ्टवेयर प्रशिक्षण कार्यशाला” (21-25 अक्टूबर 2013) सम्पन्न :

                हिन्दी हमारी राजभाषा है एवं इसका ज्ञान हम सभी को होना चाहिए इसी उदेश्य को ध्यान में रखते हुये सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौघोगिकी संस्थान,सूरत के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) सूरत  के सहयोग से पांच दिवसीय “हिंदी सॉफ्टवेयर प्रशिक्षण कार्यशाला” का आयोजन 21 से 25 अक्टूबर 2013 को किया जा रहा है|


                सोमवार 21 अक्टूबर 2013 को इस कार्यशाला का उद्घाटन किया गया समारोह में मुख्य अतिथि पद पर गुंजन मिश्रा (मुख्य आयकर आयुक्त एवं नराकास अध्यक्ष) विशिष्ट अतिथि पद प्रसेनजीत सिंह (आयकर आयुक्त (अपील) एवं राजभाषा अधिकारी) एवं डॉ माणिक मृगेश (पूर्व सचिव नरकास बड़ोदरा) संस्थान के कुलसचिव एच.ए.परमार, का. हिंदी अधिकारी डॉ. के.डी. यादव मंचासीन थे | कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया| मौके पर डॉ. के. डी. यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की जिसमे उन्होंने विस्तारपूर्वक अगले पांच दिनों तक होने वाले कार्यक्रमों का समूचा विवरण दिया | मंच सञ्चालन करते हुए चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा वैश्वीकरण के इस दौर में जहाँ भाषाएँ और संस्कृतियाँ अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है,वहां भारतीय संस्कृति और हिंदी नित नए सोपानों को छूकर अपना विशिस्ट स्थान हासिल कर रही है| राजभाषा प्रचार–प्रसार हेतु आयोजित कार्यशाला के उद्देश्य को आलोकित किया|


                             मुख्य अथिति श्रीमती गुंजन मिश्रा ने कहा कि कोई भी भाषा में काम करने के लिये सबसे जरूरी है कि आप को उस भाषा पर स्वाभिमान होना चाहियेI अधिकतर समय हम अंग्रेजी का इस्तेमाल सिर्फ दिखावे के लिये करते हैंएस.वी.एन.आई.टी. सूरत ऐसे कई सफल राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित कर चुके है|इसके लिए मैं सभी प्रशासनिक एवं हिंदी अनुभाग से जुड़े अधिकारीयों को बधाई देती हूँ| विशिष्ट अतिथि श्री प्रसेनजीत सिंह जी ने कहा है कि यह कार्यशाला नराकास के सदस्यों के लिये यह बहुत उपयोगी है एवं राष्ट्रीय प्रौघोगिकी संस्थान, एवं नराकास सूरत के द्वारा किया जा रहा सराहनीय प्रयास है| इसलिए सभी प्रतिभागियों को इस कार्यशाला का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए| डॉ माणिक मृगेशने कहा कि हिन्दी को  मजबूत  तथा प्रभावी बनाने के लिये किसी भी भाषा के शब्दो का इस्तेमाल किया जा सकता है उसके लिये शुद्ध हिन्दी का ज्ञान होना जरूरी नहीं है | हिंदी को बढ़ावा देने के लिए आज अच्छी सोच एवं दिल से प्रयास करने की जरुरत है | कुलसचिव एच.ए.परमार ने कहा कि हमारे संस्थान द्वारा  हिंदी के क्षेत्र में उच्य स्तरीय कार्य किया है इसलिय संस्थान को गोल्डन जुबली वर्ष में “गोल्डन पीकोक“ सम्मान पुरस्कार की मानक उपाधि से अलंकृत व विभूषित किया गया था | बेहतर और भी बेहतर करने हेतु हमारा प्रयास जारी रहेगा| कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञ के रूप में राजेन्द्र वर्मा(सहायक निदेशक,गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग पुणे) ने कार्यशाला में सभी ओ.एस. में यूनिकोड सक्रीय करने के तरीके को बताया|  


          
                             उद्घाटन समारोह संपन्न होने के पश्चात कार्यशाला निर्धारित रूप-रेखा के अनुसार चल रही है| इस कार्यशाला में भारत सरकार के राजभाषा से जुड़े विभिन्न राजभाषा नीति नियमोंव्याकरणिक भूलें एवं समाधान देवनागरी लिपि एवं मानक वर्तनी एवं अर्धसरकारी पत्र, टिप्पणी लेखन एवं कार्यालय ज्ञापन,परिपत्र एवं सरकारी पत्र किस तरीके से लिखा जाए,लिखते समय किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए जेसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी साथ ही आवश्यकतानुसार संवंधित सॉफ्टवेयर का  प्रशिक्षण दिया जायेगा और आखिरी दिन प्रतिभागियों के बीच सिखाये गए विषयों से संवंधित परतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा | जिसमे प्रथम, द्वितीय,तृतीय व दो सांत्वना पुरस्कार होंगे जिसकी राशि क्रमशः 2500,2000,1500, 1000 व 1000 रुपये होंगे |इस राष्ट्रीय कार्यशाला में संस्थान के  समिति सदस्यों, नराकास सदस्यों सहित कुल 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया