Monday, August 25, 2014

चन्द्रशेखर प्रसाद "साहित्यम श्री सम्मान पुरस्कार" से सम्मानित :


डॉ. शान्तावीर महास्वामी जी के नेतृत्व में सर्व-भाषा महासम्मेलन सह कवि सम्मेलन, बंगलोरु एवं भारतीय भाषा साहित्य समागम का दो दिवसीय विशेष अधिवेशन का आयोजन किया गया था| इस अवसर पर पर देश के कोने-कोने से भाषा प्रेमी आमंत्रित विद्वान अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रहे थे| मौके पर  आमंत्रित युवा कवि चन्द्रशेखर प्रसाद सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत का प्रतिनिधित्व करते हुए भारतीय भाषाओँ पर चर्चा-परिचर्चा किये साथ ही हिंदी की वकालत करते हुए हिंदी के गुण महत्ता सरलता व समृद्धि को आलोकित किया| 


कार्यक्रम के अगले दिन सर्व-भाषा महासम्मेलन सह कवि सम्मेलन, में  कवि चन्द्रशेखर प्रसाद ने अपनी स्वरचित रचनाएँ सुनाकर श्रोतागण को भाव विभोर कर दिया | देश के कोने-कोने से पधारे साहित्यकारों ने अपने विचारों व रचनाओं से लोगों के अंदर निज भाषा-राष्ट्र भाषा के प्रति सम्मान व सिखाने एवं प्रयोग करने हेतु उत्सुकता के अलख जगा दिए| 


कार्यक्रम के अनतिम सत्र में आमंत्रित कवियों साहित्यकारों व विद्वानों को उनके विशेष योगदान हेतु डॉ, कोलाडा, मठाधिपति डॉ. शान्तावीर महास्वामी जी के कर कमलों द्वारा सभी को विभिन्न पुरस्कारों की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया |


डॉ. शान्तावीर महास्वामी ने युवा कवि चन्द्रशेखर प्रसाद को “साहित्यं श्री” सम्मान पुरस्कार की मानद उपाधि  के साथ-साथ भेंट चिह्न अंग वस्त्र देकर अलंकृत व विभूषित किया|     


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