Friday, September 6, 2013

“कल ..आज ..और कल ..सिर्फ हमसे” (एक चिंतन गोष्ठी ) सम्पन्न :

“कल ..आज ..और कल ..सिर्फ हमसे” (एक चिंतन गोष्ठी ) कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए चन्द्रशेखर प्रसाद  :
वीर नर्मद साऊथ गुजरात युनिवर्सिटी, सूरत के ओडिटोरीयम में समस्त बिहार-झारखण्ड समाज ट्रस्ट सूरत , गुजरात महिला समिति के बैनर तले “कल ..आज ..और कल ..सिर्फ हमसे” (एक चिंतन गोष्ठी ) का आयोजन रविवार दिनांक 27 जनवरी ’13 को किया गया |मौके पर कार्यक्रम उद्घाटक माननीय श्री सी. आर. पाटिल (सांसद, नवसारी ) माननीया श्रीमती दर्शना जरदोश (सांसद,सूरत) मुख्य अतिथि आदरणीय श्री राकेश  अस्थाना (पुलिस आयुक्त,सूरत)कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. वर्तिका नंदा (मिडिया यात्री ) अतिथि विशेष डॉ के के गुप्ता (सुप्रसिद्ध शिक्षाविद ),सुश्री विधि चौधरी (आई पी एस ), श्रीमती गीता श्रोफ (सुप्रसिद्ध समाज सेविका),श्रीमती मीनाक्षी भटनागर (काउंसेलर ),श्रीमती प्रीति जोशी (सुप्रसिद्ध वकील ,कोर्ट ),श्रीमती नीरजा ठाकुर (प्राचार्या) कविता तिवारी जी (ओजस्वी कवयित्री) डॉ अनु सपन (ओजस्वी कवयित्री) श्री मनीष पांडे (सी.एम.डी.- आकाश ग्रुप) श्री अजय चौधरी (एस.बी.जे.एस.टी.- अध्यक्ष) श्री विश्वनाथ खंडेलवाल (एस.बी.जे.एस.टी.-संरक्षक) मंचासीन थे | सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया | तत्पश्चात सभी मंचासीन अतिथियों ने द्वारा दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का श्रीगणेश क्या गया |
श्री अजय चौधरी ने सभी अतिथियों व श्रोताओं का हार्दिक स्वागत करते हुए कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य को आलोकित किया साथ ही ट्रस्ट द्वरा मोबाईल हॉस्पिटल खोलने की घोसना की | यह कार्यक्रम समाज में स्त्रियों के प्रति बढ़ रहे अपराध, उपेक्षा,कन्या भ्रूण हत्या आदि स्त्रियों से जुड़ी समस्याओं के प्रति सशक्त करने के लिए एवं लोगों के अंदर सोये एहसासों को जगाने का एक प्रयाश है ,अभियान है | एक एक कर सभी अतिथियों ने अपने अपने मंतव्य लोगों के बीच रखा | माननीय सांसद ने यह घोसना किया कि जो माँ बेटी को जन्म देगी उन्हें ऐसे मंचों द्वारा सम्मानित किया जायेगा | कवयित्रियों ने कार्यक्रम के दौरान बेटी-माँ से जुड़ी मनोरंजक संदेशयुक्त कविताएँ सुनकर मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया |कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ वर्तिका नंदा ने दर्शकों को कुछ कार्टून दिखाया और उसकी व्याख्या की |साथ ही विषय से जुड़ी समस्याओं पर बात की |कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नोंतरी भी रखे गए थे जिसमे मौजूद श्रोता पुलिस ,राजनीती ,समाज ,शिक्षा व्यवस्था,मिडिया आदि से सम्बंधित सवाल पूछ सकते थे | संबंधित व्यक्तित्व ने दर्शकों के सभी प्रश्नों का उत्तर देकर संतुष्ट किया | 
 मंच संचालक की भूमिका “साहित्य श्री “ सम्मान पुरस्कार विजेता  चन्द्रशेखर प्रसाद निभा रहे थे और सिम्मी कुमारी इनका साथ दे रही थी | आयोजन समिति की ओर से दोनों मंच संचालकों को भी मुख्य अतिथि के कर-कमलों द्वारा मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया | अंत में श्रीमती रानी चौधरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया |यह कार्यक्रम श्रीमति सीमा अग्रवाल , श्रीमति रेखा चौधरी , श्रीमति रानी चौधरी , श्रीमति दीपिका खंडेलवाल, श्रीमति ममता मिश्र , श्रीमति मधु भिवानिवाला आदि महिलाओं के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया |

Thursday, September 5, 2013

पासपोर्ट कार्यालय सूरत में दो दिवसीय हिंदी कार्यशाला सम्पन्न :

                          स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय सूरत में दो दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पासपोर्ट कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया |कार्यशाला का शुभारम्भ पासपोर्ट अधिकारी श्रीमति एल.के.वाघेला के स्वागत भाषण से हुआ | अपने स्वागत भाषण में उन्होने अतिथि वक्ताओं का न केवल स्वागत किया वरण समय–समय पर मिले उनके सहयोग की भी सराहना की | मौके पर डॉ जी पी शर्मा (शिक्षक केंद्रीय विद्यालय ), इन्द्र कुमार दीक्षित (वरिष्ठ हिंदी अनुवादक, आयकर विभाग ), चन्द्रशेखर प्रसाद(का. अध्यक्ष विवेकानंद शैक्षणिक सांस्कृतिक व क्रीडा संस्थान, गुजरात प्रभाग ) मौजूद थे |इन्द्र कुमार दीक्षित ने हिंदी के महत्त्व  को आलोकित करते हुए कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही भारत सरकार के नीति के अनतर्गत जो कार्य  आवश्यक  रूप से होना चाहिए उनकी विस्तृत जानकारी दी |डॉ जी पी शर्मा  ने हिंदी साहित्य की महत्ता, बोल-चाल में किये जाने वाले शब्दों का प्रयोग कैसे करें के साथ ही अपने अनुभव से कुछ हास्यपूर्ण संस्मरण सुनाकर श्रोताओं का ध्यान अपने शब्द प्रवाह  की परिधि में केंद्रित रखा | आगे उन्होंने भाषा के चारों कौशलों– सुनना, बोलना, लिखना और पढ़ना आदि का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया|


                                      चन्द्रशेखर प्रसाद ने हिंदी के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए हिंदी को अपनापन एवं भावना की भाषा बताते हुए कहा हिंदी कभी भी थोपी जानेवाली भाषा नहीं रही|यह तो आम जन को साथ पिरोये रखने वाली ऐसी भाषा है जो अब विश्वव्यापी रूप ले रही है |                                      दूसरे दिन  भी कार्यशाला अपने रोचक रूप में जारी रही |इसमें पूर्व दिवस के तीनों वक्ताओं ने अपने गहम- गंभीर अनुभवों से जीवंत बनाये रखा |कार्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस कार्यशाला की उपयोगिता को न केवल समझा वल्कि हिंदी में कार्य करने का संकल्प भी किया | अंत में कार्यशाला का समापन करते हुए सहायक पासपोर्ट अधिकारी दीपक शाह ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में डॉ जी पी शर्मा, इन्द्र कुमार दीक्षित और चन्द्रशेखर प्रसाद के विशेष सहयोग का उल्लेख करते हुए पुनः हिंदी में कम करने के संकल्प को दोहराया |