स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय सूरत में दो दिवसीय हिंदी कार्यशाला का
आयोजन किया गया जिसमें पासपोर्ट कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने
उत्साहपूर्वक भाग लिया |कार्यशाला का शुभारम्भ पासपोर्ट अधिकारी श्रीमति एल.के.वाघेला के
स्वागत भाषण से हुआ | अपने स्वागत भाषण में उन्होने अतिथि वक्ताओं का न केवल
स्वागत किया वरण समय–समय पर मिले उनके सहयोग की भी सराहना की | मौके पर डॉ जी पी
शर्मा (शिक्षक केंद्रीय विद्यालय ), इन्द्र कुमार दीक्षित (वरिष्ठ हिंदी अनुवादक,
आयकर विभाग ), चन्द्रशेखर प्रसाद(का. अध्यक्ष विवेकानंद शैक्षणिक सांस्कृतिक व
क्रीडा संस्थान, गुजरात प्रभाग ) मौजूद थे |इन्द्र कुमार दीक्षित ने हिंदी के महत्त्व को आलोकित करते हुए कार्यालय के सभी अधिकारियों
एवं कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही
भारत सरकार के नीति के अनतर्गत जो कार्य
आवश्यक रूप से होना चाहिए उनकी
विस्तृत जानकारी दी |डॉ जी पी शर्मा ने
हिंदी साहित्य की महत्ता, बोल-चाल में किये जाने वाले शब्दों का प्रयोग कैसे करें के
साथ ही अपने अनुभव से कुछ हास्यपूर्ण संस्मरण सुनाकर श्रोताओं का ध्यान अपने शब्द
प्रवाह की परिधि में केंद्रित रखा | आगे
उन्होंने भाषा के चारों कौशलों– सुनना, बोलना, लिखना और पढ़ना आदि का विस्तृत
विवेचन प्रस्तुत किया|
"जीवनधारा" ब्लॉग जीवन के विभिन्न वास्तविक पहलुओं को शालीन अंदाज में आलोकित करती है| व्यक्ति की भावात्मक अभिव्यक्ति को कलात्मक ढंग से व्यक्त करती है मेरी स्वरचित कविताएँ | कविताओं के साथ-साथ आलेख, समीक्षा एवं राजभाषा से सम्बंधित समाचार का भी विवरण होता है | - चंद्रशेखर प्रसाद
Thursday, September 5, 2013
पासपोर्ट कार्यालय सूरत में दो दिवसीय हिंदी कार्यशाला सम्पन्न :
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