Saturday, September 14, 2013

हिंदी पखवाड़ा (2013) सम्पन्न :

संस्थान के नए शैक्षणिक सत्र के पहले उत्सव का नाम है हिंदी पखवाड़ा | प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौधोगिकी संस्थान –सूरत के राजभाषा विभाग  द्वारा हिंदी प्रचार-प्रसार नीति के तहत राजभाषा प्रकोष्ठ (हिन्दी सेल) इसे प्रतिवर्ष सितम्बर माह के प्रथम पखवाड़े अर्थात 1-14 सितम्बर को आयोजित करता है जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार के कई कार्यक्रम तथा प्रतियोगिताएँ छात्र/छात्रा तथा संस्थान परिवार (अधिकारी, कर्मचारी, स्कूल के बच्चे इत्यादी) दोनों श्रेणियों में आयोजित किये जाते हैं| उदघाटन समारोह सम्पन्न होने के पश्चात् सितम्बर को  तर्क युद्ध आयोजित किया गया| इसमें प्रतिभागी को पक्ष-विपक्ष दोनों में बोलना होता है तथा घण्टी बजने पर अपना मत परिवर्तन करना होता है| इसमें पहले सोचने फिर बोलने के लिए 3 -3 मिनट का समय दिया गया| छात्रों में प्रखर वक्ता की छवि देख सभी हतप्रभ थे| साथ ही श्रुतलेख प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था जिसमे संस्थान के 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया |
                           
                  4 सितम्बर  को  छात्रों की वाकपटुता का अवलोकन करने के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया थाइसमे एस.वी.पी. विद्यालय के छात्रों ने भी बड़े उतसाह के साथ भाग लिया | 6 सितम्बर को  प्रश्नोत्तरी (क्विज) तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | खचाखच भरे हॉल में करीब 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर हिंदी के प्रति अपनी अभिरुचि दिखाई | प्रश्नोत्तरी में  60मिनट में पचास प्रश्न दिए गए थे जो विभिन्न श्रेणियों में थे| साथ ही निबंध प्रतियोगिता में सबकी अवलोकन क्षमता तथा अभिव्यक्ति को परखा गया | 8 सितम्बर को नजरिया (स्लाइड शो) का आयोजन किया गया जिसमें कुछ वीडियो तथा चित्र देखकर उसके बारे में अपने विचार लिखने थे | कुछ सामान्य ज्ञान तथा कल्पनात्मक प्रश्न भी दिए गए थे | इंजीनियरिंग कर रहे विद्यार्थियों के अंदर छिपे कला को बहार लाने के लिए चित्रकला प्रतियोगिताका भी आयोजन किया गया था | यह प्रतियोगिता स्कूली छात्रों के लिए भी आयोजन किया गया |सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सितम्बर के शाम को साथ ही अभिव्यक्ति (नाटक) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इसमे समूहों ने हिस्सा लिया | साथ ही 13  सितम्बर को सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम छात्र कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया | जिसमें कुल 14 छात्र कवियों ने भाग लिया | इसमें अभियांत्रिकी छात्रों में छिपे कवियों का जौहर सामने आया | सभी रसों के संगम में गोता लगाते दर्शकगण दाद देने व तालियाँ बजाने से खुद को रोक नहीं पा रहे थे | काव्य रस की यह धारा देर शाम तक बहती रही एवं श्रोता इसकी अमृत वर्ष में देर शाम तक भींगते रहे| अंत में सभी कवियों को पुरस्कृत भी किया गया |


 14 सितम्बर, दिन शनिवार को हिंदी दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया| इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.एस.डी.शर्मा (विमानपत्तन निदेशक,सूरत) संस्थान के कुलसचिव एच.ए. परमार एवं कार्यकारी हिन्दी अधिकारी डॉ. के.डी.यादव मंचासीन थे| सर्वप्रथम डॉ. के.डी.यादव ने अपने स्वागत भाषण में विगत वर्ष के आयोजित कार्यशालाओं,गतिविधियों एवं प्रतियोगितों से लोगों को अवगत कराया साथ ही स्नेह व सम्मान युक्त शब्दों से अतिथियों का स्वागत किया| मुख्य अतिथि ने राजभाषा हिन्दी के विषय में चर्चा की साथ ही संस्थान के द्वारा हिन्दी प्रचार-प्रसार के लिए कर रहे प्रयासों के लिए भूरि-भूरि प्रशंसा की |


                        डॉ.शर्मा ने बताया की हिन्दी के प्रचार प्रसार में फिल्मों का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन हिंदी भाषा के प्रयोग से वे धनार्जन भी करते है साथ ही लोकप्रिय भी बन जाते है परन्तु ‘फिल्म फेयर अवार्ड समारोह’में मंच पर जाके अंग्रेजी में बोलते है यह उन्हें शोभा नहीं देता| साथ ही उन्होंने कुछ व्यंग युक्त कवितायें सुनाकर लोगों का खूब मनोरंजन भी किया |
मंचासीन अतिथियों के कर-कमलों से राजभाषा प्रकोष्ठ की वार्षिक पत्रिका सम्मुख के चतुर्थ संस्करण का भी लोकार्पण किया गया | हिंदी पखवाड़ा में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विभिन्न  विजेताओं को डॉ. शर्मा के कर-कमलों से पुरस्कृत किया गया|जिसमें प्रथम,द्वितीय,तृतीय पुरस्कार की राशि क्रमशः 2500, 2000, 1500 रुपयों के साथ-साथ दो सांत्वना राशि 1000 रुपये थे| प्रतिभागियों के बीच कुल 1 लाख 26 हजार रुपये की राशि वितरित की गयी| कुलसचिव ने हिदी के महत्व को बताते हुए लोगों को हिंदी में कम-काज करने हेतु प्रेरित किया साथ ही यथा संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया |

                            इस कार्यक्रम को यादगार रखने के लिए अतिथियों को स्नेहयुक्त मोमेंटो भेंट देकर उनका आतिथ्य किया गया | अंत में डॉ के.डी.यादव के द्वारा आगंतुक अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ-साथ हिंदी पखवाड़ा प्रबंधक चन्द्रशेखर प्रसाद एवं यश राज चौधरी के सराहनीय सफल प्रयासों का प्रशंसा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य हेतु कमाना किया| मंच संचालक की भूमिका चन्द्रशेखर प्रसाद एवं सुरभि अग्रवाल निभा रहे थे |


Friday, September 6, 2013

“कल ..आज ..और कल ..सिर्फ हमसे” (एक चिंतन गोष्ठी ) सम्पन्न :

“कल ..आज ..और कल ..सिर्फ हमसे” (एक चिंतन गोष्ठी ) कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए चन्द्रशेखर प्रसाद  :
वीर नर्मद साऊथ गुजरात युनिवर्सिटी, सूरत के ओडिटोरीयम में समस्त बिहार-झारखण्ड समाज ट्रस्ट सूरत , गुजरात महिला समिति के बैनर तले “कल ..आज ..और कल ..सिर्फ हमसे” (एक चिंतन गोष्ठी ) का आयोजन रविवार दिनांक 27 जनवरी ’13 को किया गया |मौके पर कार्यक्रम उद्घाटक माननीय श्री सी. आर. पाटिल (सांसद, नवसारी ) माननीया श्रीमती दर्शना जरदोश (सांसद,सूरत) मुख्य अतिथि आदरणीय श्री राकेश  अस्थाना (पुलिस आयुक्त,सूरत)कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. वर्तिका नंदा (मिडिया यात्री ) अतिथि विशेष डॉ के के गुप्ता (सुप्रसिद्ध शिक्षाविद ),सुश्री विधि चौधरी (आई पी एस ), श्रीमती गीता श्रोफ (सुप्रसिद्ध समाज सेविका),श्रीमती मीनाक्षी भटनागर (काउंसेलर ),श्रीमती प्रीति जोशी (सुप्रसिद्ध वकील ,कोर्ट ),श्रीमती नीरजा ठाकुर (प्राचार्या) कविता तिवारी जी (ओजस्वी कवयित्री) डॉ अनु सपन (ओजस्वी कवयित्री) श्री मनीष पांडे (सी.एम.डी.- आकाश ग्रुप) श्री अजय चौधरी (एस.बी.जे.एस.टी.- अध्यक्ष) श्री विश्वनाथ खंडेलवाल (एस.बी.जे.एस.टी.-संरक्षक) मंचासीन थे | सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया | तत्पश्चात सभी मंचासीन अतिथियों ने द्वारा दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम का श्रीगणेश क्या गया |
श्री अजय चौधरी ने सभी अतिथियों व श्रोताओं का हार्दिक स्वागत करते हुए कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य को आलोकित किया साथ ही ट्रस्ट द्वरा मोबाईल हॉस्पिटल खोलने की घोसना की | यह कार्यक्रम समाज में स्त्रियों के प्रति बढ़ रहे अपराध, उपेक्षा,कन्या भ्रूण हत्या आदि स्त्रियों से जुड़ी समस्याओं के प्रति सशक्त करने के लिए एवं लोगों के अंदर सोये एहसासों को जगाने का एक प्रयाश है ,अभियान है | एक एक कर सभी अतिथियों ने अपने अपने मंतव्य लोगों के बीच रखा | माननीय सांसद ने यह घोसना किया कि जो माँ बेटी को जन्म देगी उन्हें ऐसे मंचों द्वारा सम्मानित किया जायेगा | कवयित्रियों ने कार्यक्रम के दौरान बेटी-माँ से जुड़ी मनोरंजक संदेशयुक्त कविताएँ सुनकर मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया |कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ वर्तिका नंदा ने दर्शकों को कुछ कार्टून दिखाया और उसकी व्याख्या की |साथ ही विषय से जुड़ी समस्याओं पर बात की |कार्यक्रम के अंतर्गत प्रश्नोंतरी भी रखे गए थे जिसमे मौजूद श्रोता पुलिस ,राजनीती ,समाज ,शिक्षा व्यवस्था,मिडिया आदि से सम्बंधित सवाल पूछ सकते थे | संबंधित व्यक्तित्व ने दर्शकों के सभी प्रश्नों का उत्तर देकर संतुष्ट किया | 
 मंच संचालक की भूमिका “साहित्य श्री “ सम्मान पुरस्कार विजेता  चन्द्रशेखर प्रसाद निभा रहे थे और सिम्मी कुमारी इनका साथ दे रही थी | आयोजन समिति की ओर से दोनों मंच संचालकों को भी मुख्य अतिथि के कर-कमलों द्वारा मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया | अंत में श्रीमती रानी चौधरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया |यह कार्यक्रम श्रीमति सीमा अग्रवाल , श्रीमति रेखा चौधरी , श्रीमति रानी चौधरी , श्रीमति दीपिका खंडेलवाल, श्रीमति ममता मिश्र , श्रीमति मधु भिवानिवाला आदि महिलाओं के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया |

Thursday, September 5, 2013

पासपोर्ट कार्यालय सूरत में दो दिवसीय हिंदी कार्यशाला सम्पन्न :

                          स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय सूरत में दो दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पासपोर्ट कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया |कार्यशाला का शुभारम्भ पासपोर्ट अधिकारी श्रीमति एल.के.वाघेला के स्वागत भाषण से हुआ | अपने स्वागत भाषण में उन्होने अतिथि वक्ताओं का न केवल स्वागत किया वरण समय–समय पर मिले उनके सहयोग की भी सराहना की | मौके पर डॉ जी पी शर्मा (शिक्षक केंद्रीय विद्यालय ), इन्द्र कुमार दीक्षित (वरिष्ठ हिंदी अनुवादक, आयकर विभाग ), चन्द्रशेखर प्रसाद(का. अध्यक्ष विवेकानंद शैक्षणिक सांस्कृतिक व क्रीडा संस्थान, गुजरात प्रभाग ) मौजूद थे |इन्द्र कुमार दीक्षित ने हिंदी के महत्त्व  को आलोकित करते हुए कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी के कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही भारत सरकार के नीति के अनतर्गत जो कार्य  आवश्यक  रूप से होना चाहिए उनकी विस्तृत जानकारी दी |डॉ जी पी शर्मा  ने हिंदी साहित्य की महत्ता, बोल-चाल में किये जाने वाले शब्दों का प्रयोग कैसे करें के साथ ही अपने अनुभव से कुछ हास्यपूर्ण संस्मरण सुनाकर श्रोताओं का ध्यान अपने शब्द प्रवाह  की परिधि में केंद्रित रखा | आगे उन्होंने भाषा के चारों कौशलों– सुनना, बोलना, लिखना और पढ़ना आदि का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया|


                                      चन्द्रशेखर प्रसाद ने हिंदी के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए हिंदी को अपनापन एवं भावना की भाषा बताते हुए कहा हिंदी कभी भी थोपी जानेवाली भाषा नहीं रही|यह तो आम जन को साथ पिरोये रखने वाली ऐसी भाषा है जो अब विश्वव्यापी रूप ले रही है |                                      दूसरे दिन  भी कार्यशाला अपने रोचक रूप में जारी रही |इसमें पूर्व दिवस के तीनों वक्ताओं ने अपने गहम- गंभीर अनुभवों से जीवंत बनाये रखा |कार्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस कार्यशाला की उपयोगिता को न केवल समझा वल्कि हिंदी में कार्य करने का संकल्प भी किया | अंत में कार्यशाला का समापन करते हुए सहायक पासपोर्ट अधिकारी दीपक शाह ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में डॉ जी पी शर्मा, इन्द्र कुमार दीक्षित और चन्द्रशेखर प्रसाद के विशेष सहयोग का उल्लेख करते हुए पुनः हिंदी में कम करने के संकल्प को दोहराया |     



Wednesday, February 27, 2013

वे लगाते रहे नमक प्यार से जख्मों पर


जिन्दगी को पकड़ने की कोशिश की तरह–बेतरह
पर मुट्ठी से फिसलती रही वो रेत  की  तरह
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हम तो तड़पते रहे ताउम्र प्यासी मछली-से
पर हाथ न आई ज़िंदगी बहते पानी की तरह
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वे लगाते रहे नमक प्यार से जख्मों पर
और हम सहते रहे उसे आदत की तरह
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सोचा था जीने को चारा तो मिलेगा कुछ
इस आस में चलते रहे हम बैल की तरह
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वे तपते रहे जेठ-के प्रताप-से सिर पर
अर्पित रहे  हम जिन्हें मेघ की तरह
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                                  - चन्द्रशेखर प्रसाद