मेरी माँ मुझको प्यारी ,सबसे न्यारी है वो ,
करुणा की मूरत, ममता का सागर, प्यार का गागर है वो |
जो रोज सुबह मुझे जगाती ,ब्रश कराती ,
रगर - रगर कर मुझको नहलाती ,
खूब खिलाती दूध पिलाती ,
गृहकार्य मुझको है करवाती ,
पलक झपकते ही कर देती है मुझको तैयार |
नास्ता देकर मुझे स्कूल पहुंचती ,
फिर वापस लाने जाती .
खाना खिला कर खेलने भेजती,
शाम होते मुझे बुलाती , पढ़ाती- लिखाती,
खिलाती -पिलाती, सुलाती - जगाती |
मेरे ही सुख की खातिर वो है कष्ट उठती,
मेरे ही सुखमय जीवन हेतु ,
आशाएं है संवारती ,
केवल एक विश्वास के सहारे ,
नयी आशाओं की किरण निहारती |
उनकी दया व करुणा कभी कम व खत्म न होती,
इसीलिए ,
मैं अपनी माँ की महिमा गा -गाकर ,
उनकी आस्था का आदर करता हूँ |
अपनी मंजिल पाने को ,
सदा प्रयासरत्त रहता हूँ |
उन्होंने मुझे जन्म दिया ,
पाल -पोष कर बड़ा किया |
मैं उनका सदा आभारी हूँ,
मैं उनका बड़ा आभारी हूँ ...............||||
चन्द्रशेखर प्रसाद
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